गुरुवार, 30 जुलाई 2020

चट्टान और उनके प्रकार


    
पृथ्वी की ऊपरी परत से 16 K.M. की गहराई तक का 95% भाग चट्टानों का बना हुआ है | ये चट्टान अलग अलग ठोस पदार्थों के बने है जिन्हें खनिज कहा जाता है | प्रत्येक खनिज भी दो या दो से अधिक तत्वों के संयोंग से बने होते है |

चट्टान (Rocks)- 
     खनिज कणों के संग्रहीत होने से निर्मित ठोस पदार्थों को चट्टान कहते है | ये ग्रेनाइट की भांति कठोर और चीका की तरह मुलायम हो सकता है |

चट्टानों के प्रकार (Types of rocks)



(A)आग्नेय चट्टान (Igneous rocks)-
     ”  

स्थिति के अनुसार आग्नेय चट्टानों को मुख्यतः 2 वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है –

(1)बाह्य आग्नेय चट्टान (Extrusive Igneous rocks)
(2)आंतरिक आग्नेय चट्टान (Intrusive Igneous rocks)




(1) बाह्य आग्नेय चट्टान (Extrusive Igneous rocks)- 
       इस प्रकार के आग्नेय चट्टान का निर्माण ज्वालामुखी उद्गार से निकले तप्त लावा के धरातल के ऊपर शीतल होने से होता है जैसे बेसाल्ट चट्टान,प्युमिस पत्थर .
नोट-पत्थर पत्थर (Pumice Stone) में air pockets  होने के कारण वे पानी के ऊपर तैर सकते  है। 

(2) आंतरिक आग्नेय चट्टान (Intrusive Igneous rocks)-
       कभी कभी मैग्मा ज्वालामुखी से बाहर नही निकल पाता है और धरातल के निचे ही ठंडा होकर ठोस हो जाता है | भूपृष्ठ के निचे निर्मित आग्नेय चट्टान को


(B)अवसादी /परतदार चट्टान (sedimentary rocks)-
     अपक्षय (weathering) एवं अपरदन (Erosionके विभिन्न साधनों (बहता जल, पवन, हिम) के द्वारा मूल चट्टानों के टूटने-फूटने एवं अवसादो का परिवहन होकर किसी जलीय भाग में जमा होने से अवसादी चट्टान का निर्माण होता है | इनकी रचना समुद्र या झील में परत दर परत होती रहती है परिणाम स्वरूप इन चट्टानों में कई परते मिलती है जिसके कारण इन्हें परतदार चट्टान भी कहा जाता है। इनके निर्माण में चट्टान चूर्ण के साथ-साथ जीवावशेषों तथा वनस्पतियों का भी योगदान होता है। 
     


अवसादी चट्टानों को मुख्यतः 2 वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
(1)खंडज (Clastic)
(2) अखंडज (Non-Clastic)


(1)खंडज (Clastic)- 
     अंग्रेजी में प्रयुक्त शब्द Clastic ग्रीक भाषा के Klastos से बना है, जिसका अर्थ खंडित (Broken) होता है | अतः इसके अंतर्ग्रत वैसे अवसादी चट्टान को रखा जाता है जिनका निर्माण मूल चट्टान-स्त्रोत (parent rock source) से विखंडित हुआ कणों से हुआ है खंडज चट्टानों का नामकरण काफी हद तक उसमे उपस्थित खनिज कणों के आकर पर निर्भर करता है जैसे-
पवन द्वारा – लोएस
हिमानी द्वारा – बोल्डर क्ले
जल द्वारा - बालू पत्थर, शेल, क्ले, कांग्लोमेरट |

(2)अखंडज (Non-Clastic)- ऐसे चट्टान जिनका निर्माण मुख्यतः रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा हुआ है | ये चट्टाने  2 प्रकार के आधारभूत अवसादों (Sediments) से बनते  हैं –
(a)रासायनिक रचना (chemically formed)-
      जब चट्टानों का निर्माण वर्षा जल के साथ घुलकर आये खनिजों के संयोंग से होता है जैसे के द्वारा जमा होते रहते है |

(b) जैविक रचना (Organically formed)- 
       ये अवसादी चट्टान जीवों एवं पादपों के जीवाश्म (remains of animals and plants) होते है | जैसे - जीव जंतुओं द्वारा - चूनापत्थर (Limestone), खल्ली (Chalk) और कोरल (Coral)
पेड़ पौधों द्वारा - कोयला, पीट, लिग्नाइट


कायांतरित / रूपांतरित चट्टान (Metamorphic rocks )
      अवसादी एवं आग्नेय चट्टानों में ताप (Heat) एवं दाब (Pressure) के कारण परिवर्तन हो जाने से रूपांतरित चट्टानों का निर्माण होता है | रूपांतरण की क्रिया के दौरान मौलिक चट्टान के संघटन तथा स्वरूप में परिवर्तन हो जाता है एवं उसकी पहचान भी कठिन हो जाती है | किन्तु चट्टान में किसी प्रकार का विघटन या वियोजन नहीं होता है | कभी-कभी आग्नेय (Igneaus )एवं अवसादी चट्टानों के अतिरिक्त रूपांतरित चट्टानों का भी रूपांतरण हो जाता है जिसे )तथा घोलिकरण (Solution) |


कायांतरित चट्टानों के कुछ उदाहरण 

आग्नेय चट्टान   è  
ग्रेनाइट
बेसाल्ट
ग्रेबो

अवसादी चट्टान  è
बालू पत्थर
चुना पत्थर
शेल
कोयला

कायांतरित चट्टानè 
स्लेट
शिष्ट

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