पृथ्वी का परिक्रमा पथ अंडाकार है जिसके कारण वर्ष एक दिन (3 जनवरी) पृथ्वी सूर्य के सबसे नजदीक होता है तो एक दिन (4 जुलाई ) को बेहद दूर | इन्ही घटनाओं को क्रमशः उपसौर और अपसौर घटना कहलाती है |
उपसौरिक (Perihelion)-
जब पृथ्वी अपनी कक्षा में परिभ्रमण करते हुए सूर्य से निकटतम दूरी (14.73 करोड़ किमी.) पर होती है तो यह घटना उपसौरिक (Perihelion) कहलाती है | यह घटना प्रति वर्ष 3 जनवरी को होती है | इस दिन उत्तरी गोलार्ध्द में ठण्ड का महीना होने के कारण अति ऊष्मा का असर नही पड़ पता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध्द में गर्मी का दिन होने के कारण औसत से अधिक तापमान दर्ज की जाती है |
अपसौरिक (Aphelion)-
जब पृथ्वी अपनी कक्षा में परिभ्रमण करते हुए सूर्य से अधिकतम दूरी (15.2 करोड़ किमी.) पर होती है तो यह घटना अपसौरिक (Aphelion) कहलाती है | यह घटना प्रति वर्ष 4 जुलाई को होती है | इस दिन उत्तरी गोलार्ध्द में गर्मी का महीना होने के कारण अति ठण्ड का असर नही पड़ पता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध्द में सर्दी का दिन होने के कारण औसत से अधिक तापमान में गिरावट दर्ज की जाती है |
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