उपग्रह (
उपग्रह दो प्रकार के होते है - (1) प्राकृतिक उपग्रह और (2) कृत्रिम उपग्रह |
(1). प्राकृतिक उपग्रह (Natural Satellite) -
यह ग्रहों का चक्कर लगाने वाले आकाशीय पिंड है | प्रायः लगभग सभी ग्रहों के अपने उपग्रह होते है | पुरे सौरमंडल में बुध ग्रह और शुक्र ग्रह को छोड़ कर सभी ग्रहों के अपने-अपने प्राकृतिक उपग्रह है | सौरमंडल में सबसे बड़ा उपग्रह बृहस्पति का डीमोस (Deimos) है |
चन्द्रमा (Moon) -
चन्द्रमा की सतह और उसके आंतरिक भाग में स्थित भू-आकृतियों का अध्ययन करने वाला विज्ञान Selenology कहलाता है | पृथ्वी का चंद्रमा सौरमंडल का पांचवा बड़ा उपग्रह है | चंद्रमा पृथ्वी से 3.84 लाख किमी. दूर स्थित है इसका प्रकाश पृथ्वी पर मात्र 1.25 सेकंड में धरती पर पहुँच जाती है |
चन्द्रमा अपने अक्ष पर 27 दिन, 7 घंटे और 43 मिनट में परिक्रमण और परिभ्रमण दोनों कर लेता है इसीकारण हमलोग चन्द्रमा का मात्र एक ही हिस्सा धरती से देख पाते है | धरती से इसका 59% ही दिख पाता है | चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के 1/6 भाग के बराबर है |
शांति सागर (Sea of Transquility)
चन्द्रमा पर काले धब्बों वाले क्षेत्र जो प्रायः अंधकारमय होते है उनको शांति सागर (Sea of Transquility) कहा जाता है | अपोलो – 11 मिशन 20 जुलाई 1969 ई. को इन्ही काले धब्बे वाले क्षेत्र में उतरा था | इस मिशन पर तीन अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग, एडविन बुज़ एल्ड्रिन और माइकल कोलिंस मौजूद थे जिनमे से नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन चन्द्रमा पर चलने का स्वभाग्य प्राप्त हुआ और नील आर्मस्ट्रांग को चन्द्रमा पर पहले कदम रखने वाले व्यक्ति का गौरभ प्राप्त हुआ |
चन्द्रमा पर वायुमंडल न होने के कारण दो व्यक्ति एक दुसरे के बातों को नही सुन सकता है |
चन्द्रमा पर वायुमंडल न होने के कारण दो व्यक्ति एक दुसरे के बातों को नही सुन सकता है |
उपभु (Perigee) और अपभू (Apogee)
जब चन्द्रमा पृथ्वी को अपने दीर्घ वृत्ताकार कक्ष के सहारे परिक्रमा करते करते पृथ्वी के काफी नजदीक (3.63 लाख किमी.) आ जाता है तो इस स्थिति को उपभू स्थिति (Perigee) कहते है | इस स्थिति को
जब चन्द्रमा पृथ्वी को अपने दीर्घ वृत्ताकार कक्ष के सहारे परिक्रमा करते हुए पृथ्वी के काफी दूर (4.06 लाख किमी.) होता है तो इस स्थिति को अपभू स्थिति (Apogee) कहते है |


रक्त चन्द्रमा (Blood Moon) –
Penumbra Shadow वाले हिस्से में पहुँचता है तो इससे सामान्य चंद्रग्रहण की घटना घटित होती है लेकिन जब चन्द्रमा Umbra Shadow में प्रवेश करती है तो इस चंद्रग्रहण को ही खुनी चंद्रग्रहण (Blood Moon)

Umbra Shadow वाले चंद्रग्रहण में चाँद लाल इसलिए दिखाई देता है क्योंकि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी की वायुमंडल से प्रवेश करने से कम wave length वाले प्रकाश जैसे नीले आदि रंगों को वायुमंडल में फैला देती है परन्तु अधिक wave length वाले प्रकाश जैसे लाल रंग को विचलित नही कर पाती है | जब इसी प्रकाश का परावर्तन चन्द्रमा की सतह पर होता है तो चन्द्रमा लाल दिखाई पड़ता है |

Umbra Shadow वाले चंद्रग्रहण में चाँद लाल इसलिए दिखाई देता है क्योंकि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी की वायुमंडल से प्रवेश करने से कम wave length वाले प्रकाश जैसे नीले आदि रंगों को वायुमंडल में फैला देती है परन्तु अधिक wave length वाले प्रकाश जैसे लाल रंग को विचलित नही कर पाती है | जब इसी प्रकाश का परावर्तन चन्द्रमा की सतह पर होता है तो चन्द्रमा लाल दिखाई पड़ता है |
नीला चन्द्रमा (Blue Moon)-
एक चन्द्र मास 29.5 दिनों का होता है पुरे वर्ष में 12 पूर्णिमा होती है लेकिन 2.7 वर्ष में एक वर्ष ऐसा
जिस वर्ष एक अतिरिक्त पूर्णिमा पड़ता है उस पुरे वर्ष को Blue Moon Year कहा जाता है |
Super Moon-
कभी-कभी चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते करते पृथ्वी के काफी नजदीक आ जाती है | इस न्यूनतम दुरी वाले दिन को ही
Super Moon, Full Moon और Lunar Eclipse -
Super Moon, Full Moon और चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) की घटना तीनों एक साथ घटित हो रहा हो | 27 सितम्बर 2015 को ऐसी ही घटना घटी थी | ऐसी ही खगोलीय घटना अब 2033 में घटेगी |
Super Blue Blood Moon –
कभी कभार Super Blue Blood Moon की घटना एक साथ घटित होता है | जैसे 31 जनवरी, 2018 को एशिया में घटित हुआ था |
(2). कृत्रिम उपग्रह
पृथ्वी के चारों ओर घुमने वाले मानव निर्मित उपकरण को कृत्रिम उपग्रह कहते है | अधिकांश कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी से पूर्वी दिशा की ओर प्रक्षेपित किए जाते है क्योंकि इससे उपग्रह को निकास वेग मिल जाता है लेकिन हमेशा और सभी उपग्रह पूर्वी दिशा की ओर प्रक्षेपित नहीं किए जाते है | ध्रुवों का चक्कर लगाने वाले कुछ उपग्रह उत्तर या दक्षिण की ओर प्रक्षेपित किये जाते है | उदाहरण स्वरूप - भारत का प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट, Landsat, HAMSAT, Rohini etc.
चंद्रयान-1
भारत के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से 22 अक्टूबर, 2008 को चन्द्रमा की सतह की निरक्षण हेतू चंद्रयान-1 को भेजा गया था |
सेलेनी
यह एक जापानी अंतरिक्षयान है जिसको जापान ने चन्द्रमा के निरक्षण हेतू सितम्बर,2007 में चन्द्रमा के कक्षा में भेजा गया था |
यह एक जापानी अंतरिक्षयान है जिसको जापान ने चन्द्रमा के निरक्षण हेतू सितम्बर,2007 में चन्द्रमा के कक्षा में भेजा गया था |
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