गुरुवार, 30 जुलाई 2020

विषुव और संक्रांति

 पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी है इसलिय सदैव दिन रात बराबर नहीं होता है |
विषुवत रेखा पर सदैव दिन-रात बराबर होता है, क्योंकि इसे 




विषुव (Equinox) -
     विषुव वह स्थिति है जब सूर्य पृथ्वी की भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर 90 डिग्री के कोण पर चमकता है तो पुरे धरती पर दिन रात रात 12-12 घंटे का होता है | यह स्थिति साल में दो बार आती है |

(i). वसंत विषुव (Vernal Equinox) –
     21 मार्च को पुरे धरती पर दिन रात बराबर होता है | उस समय उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत का मौसम होता है इसलिए इसको 

(ii). शरद विषुव (Autumnal Equinox) –
23 सितम्बर को भी दिन रात बराबर होता है| उस समय उत्तरी गोलार्द्ध पतझड़ का मौसम प्रारंभ हो जाता है इसलिए इसको 

संक्रांति (Solstice) - 
      वह स्थिति जब सूर्य एकदम उतरायण या दक्षिणायन बिंदु पर होती है उस स्थिति को संक्रांति कहते है |

(i). ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solistice)-
           यह स्थिति 21 जून के दिन बनती है इस दिन सूर्य कर्क रेखा (Tropic of Cancer) के ठीक ऊपर एकदम 90 डिग्री के  कोण पर चमकती है | इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है वही दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे बड़ी रात और सबसे छोटी दिन होती है |

(ii). शीत संक्रांति (Winter Solistice)-
          यह स्थिति 22 दिसंबर के दिन बनती है इस दिन सूर्य मकर रेखा (Tropic of Capricorn) के ठीक ऊपर एकदम 90 डिग्री के  कोण पर चमकती है | इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होती है वही दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे छोटी रात और सबसे बड़ा दिन होता है |

घ्रुवों पर 6 महीनों का दिन और रात-
      उत्तरी घ्रुव पर 6 महीने का दिन  है |

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