अक्षांश और देशांतर (Latitude and Longitude)
अक्षांश (Latitude)-
यह कोणीय मान है जो किसी स्थान और भूमध्य रेखा के बीच पृथ्वी के केंद्र पर बनता है | अक्षांशों को सामान्यतः ग्रीक भाषा के अक्षर फाई (Φ) से प्रदर्शित किया जाता है |
अक्षांश रेखाएँ (Latitude Lines)-
यह ग्लोब पर भूमध्य रेखा के समानांतर पश्चिम से पूरब की ओर खिंची गई काल्पनिक रेखायें है | इनका उपयोग ग्लोब या मानचित्र पर किसी स्थान की उत्तरतम एवं दक्षिणतम अवस्थिति के निर्धारण हेतू किया जाता है | उत्तरी तथा दक्षिणी गोलार्द्धों में अक्षांश को 0° से 90° तक दिखाया जाता है | इस प्रकार विषुवत रेखा (0°) को लेकर कुल अक्षांशों की संख्या ° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांश एक बिंदु है, इसीकारण अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या
दो अक्षांशों के बीच की दूरी 111 किमी. होती है | पृथ्वी की सतह का सबसे बड़ा अक्षांश वृत भूमध्य रेखा पर बनेगा | यह वृत पुरे पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों में विभाजित करता है |
45° अक्षांश रेखा विषुवत रेखा एवं ध्रुवों के मध्य भाग से होकर गुजरती है | इसका मान Cos 45 = 0.707 होगा | अतः इसकी लम्बाई = 0.707 x 40075.02 = 28333.039 किमी. है जबकि विषुवत रेखा की लम्बाई 40075.02 किमी. है | अतः यह विषुवत रेखा की आधी न होकर आधे से अधिक है | 60° अक्षांश का मान विषुवत रेखा की आधी होती है जिसका मान cos 60 = 0.5 होता है |
नोट- 30° से 35° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांश के मध्य की पेटी को
कुछ महत्वपूर्ण अक्षांश रेखाएँ –
अक्षांश रेखाएँ | कोणीय मान |
भूमध्य रेखा (Equator Line) | 0° |
कर्क रेखा (Tropic of Cancer) | 23 ½° N |
मकर रेखा (Tropic of Capricorn) | 23 ½° S |
आर्कटिक वृत | 66 ½° N |
अंटार्कटिक वृत | 66 ½° S |
अक्षांश का प्रभाव -
तापमान-
सामान्यतः भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण की ओर बढ़ने पर तापमान घटता जाता है यानि ऊँचा अक्षांश निम्न तापमान और निम्न अक्षांश ऊँचा तापमान पाया जाता है |
23 ½° की पृथ्वी की झुकाव के कारण पूरे पृथ्वी को 5 जलवायु कटिबंधों में बांटा गया है | सर्वप्रथम इस प्रकार का विभाजन यूनानी विदवान
जलवायु कटिबंध क्षेत्र (Climate Zone) | अक्षांशीय मान |
उष्ण कटिबंध क्षेत्र (Tropical Climate Zone) | 0° से कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच |
शीतोष्ण कटिबंध क्षेत्र (Temperate Climate Zone) | कर्क रेखा और आर्कटिक वृत के मध्य एवं मकर रेखा और अंटार्कटिक वृत के मध्य |
शीत/ ध्रुवीय कटिबंध क्षेत्र ( Polar Climate Zone) | आर्कटिक वृत से उत्तरी ध्रुव तक एवं अंटार्कटिक वृत से दक्षिणी ध्रुव तक |
दिन-रात की लम्बाई-
भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण की ओर दिन एवं रात की अवधियाँ मौसम के अनुरूप बढ़ती-घटती रहती है | जैसे- उत्तरी गोलार्द्ध में 21 जून (Summer Solstice) के दिन उत्तरी गोलार्द्ध में दिन की लम्बाई रात से ज्यादा बड़ा होता है लेकिन श्रीलंका जैसे निम्न अक्षांशीय देशों विषुवत रेखा और कर्क रेखा के मध्य ) स्थित है में दिन की लम्बाई 13-14 घंटे का तो नोर्वे, ग्रीनलैंड जैसे उच्च अक्षांश वाले देशों में (आर्कटिक वृत के नजदीक) में 18-20 घंटों तक का होता है | और उत्तरी ध्रुव पर तो सूरज ढलती ही नही है |
विषुवत रेखा (Equator Line) से होकर गुजरने वाले देश
विषुवत रेखा से कुल 13 देश गुजरते है-
महादेश | देश |
दक्षिण अमेरिका | इक्वेडोर, कोलंबिया, ब्राजील |
अफ्रीका | गैबन, कांगो, कांगो गणराज्य (जायरे), साओ टोम एंड प्रिंसिप, युगांडा, केन्या, सोमालिया |
एशिया | मालदीव, इंडोनेशिया |
ओशिनिया | किरिबाती |
नोट- विषुवत रेखा को वृहत वृत (Great Circle) भी कहते है |
कर्क रेखा पर स्थित देश –
महादेश | देश |
उत्तरी अमेरिका | हवाई द्वीप (U.S.A), बहमास , मेक्सिको |
अफ्रीका | वेस्टर्न सहारा, मोरीतानिया, अल्जीरिया, लीबिया, नाइजर, चाड, मिश्र |
एशिया | सऊदी अरब, U.A.E, ओमान, भारत, बंगलादेश, म्यांमार, चीन, ताईवान |
कर्क रेखा पर स्थित भारत के विभिन्न राज्य
गुजरात | राजस्थान | मध्य प्रदेश | छतीसगढ़ |
झारखण्ड | पश्चिम बंगाल | त्रिपुरा | मिजोरम |
मकर रेखा पर स्थित देश –
महादेश | देश |
दक्षिण अमेरिका | पेरू, अर्जेंटीना, पराग्वे, ब्राज़ील |
अफ्रीका | नामीबिया, बोत्सवाना, साउथ अफ्रीका , मोजाम्बिक, मेडागास्कर |
ओशिनिया | ऑस्ट्रेलिया, फ्रेंच पोलिनेशिया (फ्रांस), टोंगा |
देशांतर (Longitude / Meridians)-
प्रधान मध्याह्न रेखा और पृथ्वी के किसी स्थान के बीच पृथ्वी के केंद्र पर बनने वाला कोण देशांतर कहलाता है |
देशांतर रेखा (Longitude Lines)-
उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवों को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा को देशांतर रेखा कहते है | विषुवत रेखा पर दो देशान्तरों के बीच की दूरी
0° प्रधान मध्याह्न रेखा और 180° अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा मिलके पुरे पृथ्वी को दो गोलार्द्ध विभाजित करती है -
पूर्वी° प्रधान मध्याह्न देशांतर रेखा से पूर्वी भाग
पश्चिमी गोलार्द्ध -0° प्रधान मध्याह्न देशांतर रेखा से पश्चिमी भाग
इनकी संख्या 360 (179° E + 179° W = 358 + 0° देशांतर + 180° देशांतर ) है | सारे देशांतर रेखाएँ
नोट- 0° देशांतर और 180° देशांतर पर न तो E और न ही W लिखते है क्योंकि ये दोनों गोलार्द्धों के लिए common है |
प्रधान मध्याह्न रेखा ( Prime Meridian Line)-
0° देशांतर रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा कहा जाता है | यह रेखा इंग्लैंड के लन्दन शहर के नजदीक Greenwich नामक स्थान से गुजरती है | 0° देशांतर रेखा पर हुए समय को
नोट- वाशिंगटन डी. सी. में 22 अक्टूबर,
0० देशांतर रेखा निम्न देशों से होकर गुजरती है - | ||
. 1. यूनाईटेड किंगडम | 4. अल्जीरिया | 7. टोंगो |
. 2. फ्रांस | 5. माली | 8. घाना |
3. स्पेन | 6. बुर्किना फासो | 9. अंटार्कटिका |
यह स्थिति 21 के दिन बनती है इस दिन सूर्य कर्क रेखा (Tropic of Cancer) के ठीक ऊपर एकदम 90 डिग्री के कोण पर चमकती है |
ब्रिटेन के अलावे कुछ ऐसे देश है जों G.M.T (Greenwich Mean Time) से इतर होते हुए भी G.M.T का उपयोग करते है - | |||
1.आइसलैंड (रिक्याविक) | 5.मॉरीतानिया (नौकचोट्ट) | 9. गिनी बिसाऊ (बिसाऊ) | 13. बुर्किना फासो (क्वागादौगौ) |
2.आयरलैंड (डब्लिन) | 6. माली (बमाको) | 10. सिएरा लिओन (फ्री टाउन) | 14. टोंगो (लोमे) |
3.पुर्तगाल (लिस्बन) | 7. सेनेगल (डकार) | 11.लाइबेरिया (मोनरोविया) | 15. गाम्बिया (बंजुल) |
4.कनारी द्वीप समूह (स्पेन) | 8.असेंसन द्वीप (ब्रिटेन) | 12. आइवरी कोस्ट | 16. घाना (अक्रा) |
नोट- विषुवत रेखा (0° अक्षांश) और प्रधान मध्यान्ह रेखा (0° देशांतर) का मिलन स्थल अफ्रीका के पश्चिम में अटलांटिक महासागर के
समय का निर्धारण –
पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण सम्पूर्ण पृथ्वी पर 360 देशांतर रेखाएँ खिंची जा सकती है | चूँकि एक दिन 24 घंटे के बराबर होता है तो एक घंटे में पृथ्वी का 15 अंश भाग सूर्य से गुजरेगी | यानि एक अंश गुजरने में 4 मिनट का समय लगेगा |
समय क्षेत्र (Time Zone)- सम्पूर्ण पृथ्वी को 15° – 15° यानि के एक एक घंटे के आधार पर 24 समय क्षेत्रों में बांता गया है | समय- 2 प्रकार के होते है – (1). स्थानीय समय (Local Time) और (2). मानक समय (Standard Time)
(1). स्थानीय समय (Local Time)-
वह समय जब सूर्य उस स्थान विशेष पर लम्बवत् चमकता है | उस समय को वहां की घडी में 12 बजे दोपहर मानेगे | इस आधार पर निर्धारित किये गए समय को उस स्थान का स्थानीय समय कहेंगे | परन्तु पृथ्वी का आकार गोलाकार होने के कारण विभिन्न स्थानों का स्थानीय समय भिन्न-भिन्न होता है | एक ही देश में कई स्थानीय समय होने से देश में समय को लेकर काफी समस्यायें उत्पन्न हो जाएगी | इस समस्या के समाधान के लिए देश में एक मानक समय (Standard Time) का उपयोग किया जाता है |
(2). मानक समय (Standard Time)-
यह किसी देश के मध्य से गुजरने वाली याम्योत्तर / देशांतर का माध्य होता है, जो स्थानीय समय की असुविधा को दूर करने के लिए सम्पूर्ण देश के लिए लागू किया जाता है | प्रत्येक देश का मानक समय ग्रीनविच मीन टाइम से निर्धारित किया जाता है | जैसे भारत का चयनीत माध्य याम्योत्तर / देशांतर ½° E है जो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से गुजरती हैं |
अन्तरराष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line)-
मानचित्र पर 180° याम्योत्तर के लगभग समानांतर स्थलखण्डों को छोड़ते हुए निर्धारित की गई काल्पनिक रेखा को को अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line) कहते है |
अगर को व्यक्ति अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करके पश्चिम जाता है तो एक दिन जोड़ना पड़ेगा और पूरब जाने पर एक दिन घटना |
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