भूकेन्द्रीय मॉडल (model) -
इस विचारधारा के अनुसारपृथ्वी ब्रहमांड के केंद्र में है तथा सूर्य व अन्य ग्रह इसकी परिक्रमा करते है | ब्रह्मांड के सन्दर्भ में यह अवधारण लम्बे समय (16 वीं शताब्दी) तक बनी रही | इस विचार के प्रवर्तक यूनान- मिस्र विद्धवान टॉलमी (Claudius Ptolemy) को माना जाता है | यह विचार 140 ई में दिया गया और इसकों चर्च के द्वारा 16 वीं शताब्दी तक माना जाता रहा |
सूर्य केन्द्रित मॉडल (Heliocentricmodel) -
इस अवधारणा के अनुसार सूर्य ब्रह्मांड के केंद्र में है न की पृथ्वी | यह विचार धारा को पोलैंड के एक चर्च के पादरी कॉपरनिकस ने 1543 ई. प्रस्तुत किया था |
भारत के गणितज्ञ वराहमिहिर (Varahmihir) ने छठी शताब्दी में ही कॉपरनिकस से करीबन 1000 वर्ष पूर्व ही यह बता दिया था कि चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है और पृथ्वी सूर्य की | और ये दुर्भाग्य की बात है कि पश्चिमी देश के लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं होते है की भारत में भी ऐसे विद्धवान होते थे और न हमलोगों ने इस बात का दावा किया |
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