भूपटल (Earth Crust) के प्रायः सभी मोडदार पर्वत परतदार चट्टानों से निर्मित है जिनमे खासकर सागरीय जीवों के अवशेष मिलते है | अगर पर्वतों के वितरण की बात की जाये मुख्यतः दो बाते सामने आती है –
(1)ये पर्वत अधिकतर महाद्वीपों और सागरों या महासागरों के किनारे स्थित है
(2)इनका विस्तार मुख्यतः उत्तर-दक्षिण दिशा या पूर्व-पश्चिम दिशा में ही हुआ है |
(1)
रॉकी एवं एंडीज पर्वत – प्रशांत महासागर और उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी किनारे के बीच,
अल्पाइन पर्वत – भूमध्य सागर और यूरोप के दक्षिणी किनारे के मध्य,
एटलस पर्वत – अटलांटिक महासागर और अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी किनारे के मध्य एवं
एशिया के पूर्वी किनारों के पर्वत |
हिमालय पर्वत- आज हिमालय की स्थिति भले ही मध्य महाद्वीपिये हो लेकिन यह भी प्राचीन काल में टेथिस सागर के किनारे ही अवस्थित था |
(2) पर्वतो का दिशा विस्तार – भूपटल पर ज्यादातर पर्वते मुख्यतः दो ही दिशा में फैले हुआ मिलते है-
(A)उत्तर से दक्षिण दिशा में विस्तार – रॉकी, एंडीज पर्वत आदि |
(B)पूर्व से पश्चिम दिशा विस्तार – यूरोप के अल्पाइन पर्वत, हिमालय आदि |
पर्वत निर्माण काल (Mountain Building Periods)
1.प्रीकैम्ब्रियन पर्वतीकरण (Pre-Cambrian Orogeny)
2.कैलिडोनियन पर्वतीकरण (Caledonian or Mid Paleozoic Orogeny)
3.हर्सीनियन पर्वतीकरण (Hercynian or Late Paleozoic Orogeny)
(1) प्राचीन काल (Ancient Period)- प्री-कैम्ब्रियन काल के पर्वत आते है |
(A) प्री-कैम्ब्रियन पर्वतीकरण (Pre-Cambrian Orogeny)
(A) प्री-कैम्ब्रियन पर्वतीकरण (Pre-Cambrian Orogeny)
प्री-कैम्ब्रियन पर्वत प्री-कैम्ब्रियन काल में वलन (Fold) विस्तृत क्षेत्र में हुआ था | उत्तरी अमेरिका के कैनेडियन शील्ड, बाल्टिक शील्ड, भारत का प्रायद्वीपीय पठार, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का पठार, एलगोमन पर्वत, किलार्नियन पर्वत, यूरोप में फेनो- स्कैंडिनेविया के पर्वत, स्कॉटलैंड का उत्तरी-पश्चिमी उच्च भाग एव एन्जेल्सी में प्री- कैंब्रियन पर्वत के निशान के रूप में मिलते है |
(B). कैलिडोनियन पर्वतीकरण (Caledonian or Mid Paleozoic Orogeny)
(C). हर्सीनियन पर्वतीकरण (Hercynian or Late Paleozoic Orogeny)
के उदाहरण है |
(D). अल्पाइन पर्वतीकरण (Alpine Orogeny)
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