सौरमंडल (Solar System)-
सूर्य उसके 8 ग्रह (Planets), 172 उपग्रह (Satellites), बौने ग्रह (Dwarf Planets), पुच्छल तारे (Comets), क्षुद्र ग्रह (Asteroids) और उल्काएँ (Meteoroids) मिलकर एक परिवार बनाते है जिसे सौरमंडल कहते है | इसका निर्माण आज से 4.6 अरब वर्ष हुआ था |
सूर्य (Sun)-
यह सौरमंडल का सबसे बड़ा सदस्य और परिवार का मुखिया कहलाता है | यह एक गैसीय पिंड है, जो 71% हाइड्रोजन, 26.5% हीलियम एवं शेष अन्य तत्वों से मिलकर बना है | सूर्य के अन्दर लगातार नाभिकीय संलयन अभिक्रिया चलते रहने के कारण इसमें ऊष्मा, उर्जा और प्रकाश बरक़रार रहती है |
सूर्य की बाहरी सतह का तापमान 6000 डीग्री सेल्सियस है | जबकि आंतरिक भाग का तापमान 15 लाख डीग्री सेल्सियस है | अत्यधिक उच्च तापमान के कारण इसमें पदार्थ गैस और प्लाज्मा की अवस्था में पाये जाते है | इस ऊर्जा को पृथ्वी की सतह तक पहुँचने में 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है |
सूर्य अपने अक्ष (Axis) पर 25 दिन में एक बार पूरा घूम जाता है | जबकि सूर्य को दुग्धमेखला आकाशगंगा (Milky way Galaxy) के केंद्र का परिक्रमा 250 किमी. प्रति सेकेण्ड की गति से करता है | यह करीबन 25 करोड़ वर्ष में अपने आकाशगंगा का एक परिक्रमा पूरा कर पाता है | इस पुरे अवधि को ब्रहमांड वर्ष (Cosmic Year) कहते है |
शारीरिक बनावट के आधार पर ग्रहों का वर्गीकरण (Classification of Planets on the basis of Body material of Planets)
1.आन्तरिक ग्रह या ठोस ग्रह (inner planet or Terrestrial) – वैसे ग्रह जिनके परिक्रमा पथ क्षुद्र ग्रह पट्टी (Asteroid belt) के भीतर है | इन्हें ठोस ग्रह (Terrestrial Planets) कहा जाता है क्योंकि इन ग्रहों के धरातल चट्टानों से बने हुए है इसके अंतर्गत - बुध (Mercury), शुक्र (Venus), पृथ्वी (Earth) और मंगल (Mars) ग्रह आते है |
2.बाह्य ग्रह या दानवाकार ग्रह (Outer planets or Jovian planets) - वैसे ग्रह जिनके परिक्रमा पथ क्षुद्र ग्रह पट्टी (Asteroid belt) के बाहर है | इन्हें जोवियन ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि इन ग्रहों का आकार वृहस्पति के सामान ही विशाल है | धरातलीय बनावट के आधार पर इन्हें पुनः 2 उपवर्गों में बाटा जा सकता है -
(A).गैसीये दानवाकार ग्रह (Gas Giant Planet) - वृहस्पति (Jupiter) और शनि (Saturn) ग्रहों को गैसीये ग्रह कहा जाता है क्योंकि इन ग्रहों का निर्माण मुख्यतः हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से हुआ है | इन ग्रहों को असफल तारे भी कहा जाता है क्योंकि इनमे वही तत्व पाये जाते है जो तारो के बनने के लिए चाहिए |
(B).बर्फीले दानवाकार ग्रह (Ice Giant Planet) - 1990 में मिले जानकारियों के आधार पर यह पता चला की युरेनस (Uranus) और नेपच्यून (Neptune) ग्रह बर्फ (Ice) से बने हुए है |
बुध (Mercury)-
यह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है | सूर्य के सबसे निकटम होने के कारण यह मात्र 88 दिनों में ही सूर्य की परिक्रमा पूर्ण कर लेता है | बुध ग्रह पर दैनिक तापान्तर सबसे अधिक लगभग (610 डिग्री सेल्सियस) मिलता है |
बुध के सबसे पास से गुजरने वाला कृत्रिम उपग्रह मैरियन –10 था | बुध बहुत अधिक मात्रा में सूर्य का प्रकाश ग्रहण करता है किन्तु इसका (बुध-0.138) एल्बिडो पृथ्वी (0.367) की तुलना में कम होने के कारण इसमें चमक कम है |
नोट- कोई ग्रह सूर्य के जितना निकट आता है उसमे वेग और गति उतनी ही अधिक बढ़ जाती है |
शुक्र (Venus)-
इसको पृथ्वी की जुड़वां बहन (Twins Sister) भी कहते है | सुबह में दिखने के कारण इसको भोर का तारा (Morning Star) और शाम में दिखने के कारण शाम का तारा (Evening Star) भी कहा जाता है | यह सूर्य और चन्द्रमा के बाद सर्वाधिक चमकीला दिखने वाला ग्रह है | साथ ही यह सौरमंडल का सबसे गर्म (475 डिग्री सेल्सियस) ग्रह भी है क्योंकि इसके सतह पर ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते है परिणामस्वरूप इसके वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड अधिक मात्रा में पाया जाता है जब इसके वायुमंडल में सूर्य का प्रकाश और ऊष्मा प्रवेश करती है तो वो बाहर नही आ पाती है जिसके कारण स्थिति प्रेशर कुकर जैसी हो जाती है |
इस ग्रह के निरक्षण हेतू मैगलन नामक अंतरिक्षयान को भेजा गया था |
इस ग्रह के निरक्षण हेतू मैगलन नामक अंतरिक्षयान को भेजा गया था |
नोट- पुरे सौरमंडल में केवल बुध एवं शुक्र ग्रह ही ऐसे है जिनके एक भी उपग्रह नहीं है |
पृथ्वी (Earth)-
पृथ्वी सूर्य से औसतन 14.96 करोड़ किमी. दूर स्थित है | यह स्थिति Goldy locks zone की है यह zone वह स्थिति है जिसमे किसी तारे के चारों ओर स्थित ग्रह पर पानी तरल अवस्था में मिलती है | पानी तरल अवस्था में मिलने के कारण पृथ्वी को Blue Planet कहते है | साथ ही इस ग्रह पर जीवन पारिस्थितिकी मिलने के कारण Green Planet भी कहा जाता है |
पृथ्वी की आकृति जियोड (Geoid) है, परन्तु यूनानी दार्शनिक अरस्तु ने अपनी पुस्तक On The Heavens में लिखा है की पृथ्वी की आकृति लध्वक्ष गोलाभ (Oblate Spheroid) के सर्वाधिक निकट है | पृथ्वी का भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 किमी. और ध्रुवीय व्यास 12,714 किमी. है | इसकी विषुवत रेखा की परिधि लगभग 40,075 किमी. और घनत्व 5.5 है | पृथ्वी की अनुमानित आयु 4.6 अरब वर्ष है |
नोट- पृथ्वी दिवस (Earth Day)- पुरे विश्व में पर्यावरण की सुरक्षा के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है | प्रथम बार यह आयोजन 1970 ई. में हुआ था |
Super Earth- सौरमंडल के बाहर पाये जाने वाले वैसे ग्रह जिनका आकर पृथ्वी के आकार से दोगुणा हो परन्तु 10 गुना से अधिक ना हो वैसे ग्रहों को Super Earth कहा जाता है |
मंगल (Mars)-
मंगल ग्रह का अक्षीय झुकाव करीबन 24 डिग्री है, जो लगभग पृथ्वी के समान ही है | मंगल सूर्य की एक परिक्रमा 687 दिनों में पूरा करता है |यहाँ का एक दिन 24.6 के बराबर होता है | मंगल ग्रह के वायुमंडल में 95% CO2, तथा बहुत कम मात्रा में नाइट्रोज और ऑक्सीजन पाया जाता है |
नासा के मार्स रिकोनासेंसे ऑर्बिटर अंतरिक्षयान ने मंगल ग्रह पर तरल जल होने की पुष्टि की है | जबकि फिनिक्स ने सर्वप्रथम इसपर बर्फ होने की जानकारी दी थी |
मंगल ग्रह की सतह पर आयरन ओक्साइड अधिक मिलने के कारण यह लाल दिखता है जिसके कारण इसको लाल ग्रह (Red Planet) भी कहते है | मंगल पर पाया जाने वाला पर्वत निक्स ओलम्पिया (Nix Olympia) एवरेस्ट से भी लगभग 3 गुना ऊँचा है |
इस ग्रह के दो उपग्रह है फोबोस (Phobos) और डीमोस (Deimos) है जिसमे डीमोस सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है |
नासा के मार्स रिकोनासेंसे ऑर्बिटर अंतरिक्षयान ने मंगल ग्रह पर तरल जल होने की पुष्टि की है | जबकि फिनिक्स ने सर्वप्रथम इसपर बर्फ होने की जानकारी दी थी |
मंगल ग्रह की सतह पर आयरन ओक्साइड अधिक मिलने के कारण यह लाल दिखता है जिसके कारण इसको लाल ग्रह (Red Planet) भी कहते है | मंगल पर पाया जाने वाला पर्वत निक्स ओलम्पिया (Nix Olympia) एवरेस्ट से भी लगभग 3 गुना ऊँचा है |
इस ग्रह के दो उपग्रह है फोबोस (Phobos) और डीमोस (Deimos) है जिसमे डीमोस सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है |
मंगल ग्रह के अन्वेषण के लिए भारत ने प्रथम अभियान MOM (Mars Orbit Mission) या मंगलयान 5 नवम्बर, 2013 को भेजा गया जो मंगल की कक्षा में 24 सितम्बर, 2014 को सफलता पूर्वक पहुँच गया |
बृहस्पति (Jupiter)-
बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा और सर्वाधिक तेज गति से घूर्णन (10 घंटे से भी कम) करने वाला ग्रह है | तीव्र घूर्णन के कारण इसके चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है | इसके पास स्वयं की रेडियो उर्जा होने के कारण यह तारा एवं ग्रह दोनों के गुण को प्रदर्शित करता है | इसे सूर्य की एक परिक्रमा करने में 11.86 वर्ष का समय लग जाते है |
बृहस्पति के अब तक 69 उपग्रह खोजे जा चुके है इनमे से 4 उपग्रह Ganymede, Europa, Callisto और 10 की खोज 1610 ई. में गैलीलियो ने की थी जिसके कारण इन्हें गैलीलियन उपग्रह (Galilean Moons) कहते है | इनमे से गैनिमीड सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है | बृहस्पति को लघु सौर तंत्र (Miniature solar system) भी कहते है | इसके चन्द्रमा Europa पर Voyagers अभियान के संकेतों से इसपर बर्फीले समुंद्र होने की सम्भावना है |
बृहस्पति के वलयों की खोज सर्वप्रथम 1979 ई. में वोयजर 1 स्पेस प्रोब ने की थी इन वलयों को जोवियन वलय कहा जाता है जो मुख्यतः सिलिकेट से निर्मित है पारदर्शी होने के कारण इन्हें देख पाना मुश्किल है | बृहस्पति के वायुमंडल में मुख्यतः हाइड्रोजन तथा हीलियम गैस पायी जाती है |
शनि (Saturn)-
यह सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है | इसके उपग्रहों की संख्या 61 है | इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन (Titan) है | शनि ग्रह को सूर्य का चक्कर लगाने में 29.5 वर्षों का समय लगता है | शनि को गैसों का गोला (Globe of Gases) और Glaxy Like Planet भी कहा जाता है | शनि के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र उसके चारों ओर का वलय है | इसके अलावे बृहस्पति, अरुण और वरुण में भी वलय पाए जाते है |
शनि अपने अक्ष पर पूरा 10 घंटे 40 मिनट में घूम लेता है | शनि के वायुमंडल में हाइड्रोजन और हीलियम मुख्यतः पाए जाते है | शनि का चुम्बकीय क्षेत्र पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की तुलना में 578 गुना अधिक है | इसका फ़ोबे (Phoebe) नामक उपग्रह शनि के कक्षा में घुमने के विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है |
अरुण (Uranus)-
यह आकार की दृष्टि से तीसरा बड़ा ग्रह है | यूरेनस का अक्षीय झुकाव 82 अंश, 5 मिनट है | अधिक अक्षीय झुकाव के कारण इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहते है |
यह सूर्य की परिक्रमा 84 वर्षों में करता है और अपने अक्ष पर एक घूर्णन करीबन 18 घंटे में कर लेता है | यह अन्य ग्रहों के विपरीत पूर्व से पश्चिम दिशा में सूर्य का परिभ्रमण करता है जिसके कारण इस ग्रह पर सूर्य उदय पश्चिम दिशा में और सूर्यास्त पूर्व दिशा में होती है |
टेलिस्कोप से देखने पर यह हरा रंग का दिखाई देता है | इसके 27 उपग्रह है जैसे- अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा इत्यादि और शनि की तरह इसके चारो ओर भी वलय पाए जाते है |
NASA ने Voyager -2 यान को इसकी अध्ययन के लिए भेजा था |
NASA ने Voyager -2 यान को इसकी अध्ययन के लिए भेजा था |
वरुण (Neptune)-
यह सौरमंडल का सबसे दूर का ग्रह है जो सूर्य का एक परिक्रमा 165 वर्षों में पूरा करता है | इसपर एक दिन 16 घंटे के बराबर होता है | यह सौरमंडल का सर्वाधिक ठंडा ग्रह है | जिसके 14 उपग्रह है | इनमे ट्रिटोन एवं मेरीड प्रमुख है |
बौना ग्रह (Dwarf planets)-
वैसे ग्रह जो न तो ग्रह और न ही प्राकृतिक उपग्रहों (Natural Satellite) की श्रेणी में आते हो | ये ग्रह आकार में छोटे होते हैं इनके परिक्रमण पथ (Revolution orbit) ग्रहों के सामान नही होते है |
14-25 अगस्त,2006, International Astronomical Union (IAU), प्राग (चेक गणराज्य) में खगोलशास्त्रियों की बैठक में Pluto को ग्रह की श्रेणी से हटा कर बौने ग्रहों की श्रेणी में डाल दिया क्योंकि यह ग्रह Neptune की कक्षा को कटती थी | इसके इस रवैये के कारण 1979-99 तक Neptune सौरमंडल का सबसे दूर का ग्रह था | इसी सम्मलेन में इसको नया नाम 134340 दिया गया |
वर्तमान में सौरमंडल में 5 बड़े बौने ग्रह है जिनमे सेरेस (Ceres) जोकि Asteroid belt में स्थित है बाकि के 4 यम (Pluto), इरिस (Eris), हुमा (Haumea) और मेकमेक (Makemake) kuiper belt (नेपच्यून ग्रह के बाहर की बर्फीले आकाशीय पिंडो की पट्टी) में पाये जाते है |
प्राकृतिक उपग्रह-
पुरे सौरमंडल में बुध ग्रह और शुक्र ग्रह को छोड़ कर सभी ग्रहों के अपने अपने प्राकृतिक उपग्रह है | पुरे सौरमंडल में अब तक कुल 172 उपग्रहो (Satellites) की खोज की जा चूँकि है |
सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह बृहस्पति का गेनिमीड और सबसे छोटा उपग्रह मंगल का डीमोस (Deimos) है |
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