5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व (500 B.C ) में , अपनी अनुकूल भौगोलिक स्थिति के कारन Miletus और युगजियन सागर (Black sea ) के किनारो पर भौगोलिक अनुसन्धान एवं अन्वेषण के केंद्र स्थापित हुआ। सिकंदरिया (Alexandria ), मिस्र में संग्रहालय एवं पुस्तकालय की स्थापना हुई ,इसी संग्रहालय एवं पुस्तकालय में रहकर इरैटोस्थनीज और हिप्पार्कस ने पृथ्वी की परिधि के मापन एवं आकृति सम्बंधित वैज्ञानिक अवलोकन किये।
यूनान के प्रमुख विद्धवान -1 . होमर (Homer )-900 B.C
होमर ने इलियड (Illiad ) एवं ओडीसी (Odyssey ) नामक दो महाकाव्यों की रचना की। इनका मानना था की पृथ्वी का आकार गोल है एवं ये चारों ओर से सागर-सरिताओं से घिरा हुआ है जबकि आकाश ऊँचे खम्भों(Tall Pillars ) पर टिका हुआ है।
होमर ने चारों आने वाली हवाओ के बारे में भी वर्णन किया है जैसे-
बोरेस (Bores) - उत्तर दिशा
नोट्स (Notus)- दक्षिण दिशा
यूरस (Eurus) - पूर्वी दिशा और
जैफेरस(Zephyrus) -पश्चिम दिशा

थेल्स (Thales )-700 B.C
थेल्स को आयोनियन दर्शन (Ionian School) का संस्थापक एवं पिता कहा जाता है। इन्होने ज्यामिति में अनेक प्रमेयों की रचना की। इसका योगदान गणितीय भूगोल के विकास मे रहा। वह पहला विद्धवान था,जिसने पृथ्वी को मापने एवं पृथ्वी तल पर मौजूद स्थानों को अंकित करने का प्रयास किया।
उसने पृथ्वी को तस्तरी (Disc ) समान पानी पर तैरता हुआ माना।
अनेकसीमेण्डर (Anaximander )-610 B.C-546 B.C
अनेकसीमेण्डर, थेल्स का शिष्य था।जिसे बेबीलोनियायी यंत्र नोमोन (Gnomon ) यूनानियों को परिचय करवाया। नोमोन सूर्य-घड़ी के सामान ही कार्य करने वाला यंत्र था। वह प्रथम विद्धवान था जिसने मापक के आधार पर विश्व का प्रथम मानचित्र बनाया। इसके विश्व मानचित्र के मध्य में यूनान को दिखाया था। यह मानचित्र गोलाकर था , जो चारों ओर से सागर-सरिता (Ocean-River) से घिरा हुआ था।
हेकेटियस (Hecataeus)-520 B.C
हेकेटियस को भूगोल का पिता (Father of Geography) भी कहा जाता है क्योकि इसी ने सर्वप्रथम विश्व का क्रमबद्ध वर्णन प्रस्तुत किया था। इसने जेस-पीरियडस (Ges-periodos) यानि की "पृथ्वी का वर्णन " नामक ग्रंथ की रचना की। इस पुस्तक को प्रादेशिक भूगोल का प्रथम ग्रंथ माना जाता है। बाद में इसी पुस्तक को पेरिप्लस अर्थात तटीय सर्वेक्षण भी कहा जाने लगा।
हेकेटियस के समय में कैस्पियन सागर को हिरकेनियंस (Hyrcanian) के नाम से जाना जाता था।
हेरोडोटस (Herodotus )-484 B.C - 425 B.C
हेरोडोटस एक इतिहासकार था परन्तु भूगोल के क्षेत्र में भी इसने काफी योगदान दिया था , इसे इतिहास के पिता(Father of History) के नाम से भी याद किया जाता है। इन्होंने ने ऐतिहासिक भूगोल के विकास में योगदान दिया और इस बात का जोरदार समर्थन किया की समस्त इतिहास का भौगोलिक दृष्टि से अध्ययन किया जाना चाहिए एवं समस्त भूगोल को इतिहास की तरह व्यव्हार में लाना चाहिए।
इन्होने नील नदी के मैदान में जमा काली मिट्टी और डेल्टा निर्माण का सकारण वर्णन किया।
हेरोडोटस ने ही मिस्र को नील नदी की देन (Nile is the gift of Egypt) कह कर पुकारा था।
वह प्रथम विद्धवान था जिसने विश्व मानचित्र पर याम्योतर (Meridian ) खींचने का प्रयास किया और उस समय के ज्ञात विश्व भू-खंड को 3 महाद्धीपो में विभाजित किया - यूरोप , एशिया एवं लीबिया (अफ्रीका )
इन्होंने तापमान एवं पवन के चलने में सह-संबंध स्थापित किया।
प्लेटो (Plato )-428 B.C-348 B.C
प्लेटो मानना था की विश्व की प्रत्येक वस्तु पूर्णता को प्राप्त करना चाहती है अतः पृथ्वी भी चपटी होने के बजाय गोलाकार(Spherical) या वलयाकार (Elliptical) है।
उन्होंने भू-केंद्रीय सिद्धांत (Geocentric System) पर जोर देते हुआ बताया की पृथ्वी अंतरिक्ष के केंद्र में है और सभी आकाशिए पिंड पृथ्वी की परिक्रमा करते है। और ये सिद्धांत कॉपरनिकस(Copernicus) के सूर्य-केंद्रीय सिद्धांत (Heliocentric System),1543 देने के पूर्व तक मान्य रही।
थियोफ्रेस्टस (Theophrastus)-370 B.C
यह अरस्तु का शिष्य था। इन्होंने वनस्पति तथा जलवायु को एक दूसरे से सम्बंधित माना। वनस्पति भूगोल का आरम्भ यहीं से माना जाता है। इसीकारण इन्हे Father of Biogeography कहा जाता हैं।
*Biogeography- The branch of Biology that deals with the geographical distribution of plants and animals.
अरस्तु (Aristotle )-384 B.C-322 B.C
यह प्लेटो का शिष्य था। इसके महत्वपूर्ण पुस्तक है - ब्रह्मांड वर्णन (Treatise on the Heaven) एवं जलवायु विज्ञान (Meteorologia)
इरेटॉस्थनीज (Eratosthenes)-276 B.C-194 B.C
इरेटॉस्थनीज ने भूगोल को एक अलग अध्ययनशास्त्र के रूप में स्थापित करने का श्रेय प्राप्त है।यह पहला विद्वान था जिसने पृथ्वी के वर्णन के लिए "जियोग्राफी"(Geography) शब्द का प्रयोग किया। अक्षांश एवं देशांतर ( Latitude and Longitude) शब्दों का सबसे पहले प्रयोग में लाया। इसी ने "Geographiea" नामक पुस्तक की रचना की और अपने पुस्तक में वस् योग्य (Habitable ) क्षेत्र के लिए "एक्यूमेन" (Ekumene ) शब्द का प्रयोग किया
इसी ने ही पृथ्वी को पांच जलवायु कटिबंधों में विभाजन किया था -
उष्ण कटिबंध (Tropical Zone) -1 (एक )
शीतोष्ण कटिबंध (Temperate Zones) -2 (दो )
शीत कटिबंध (Polar Zones) - 2 (दो )
इसी ने सबसे पहले देशी यंत्र नामोन (Gnomon) की सहायता से विषुवत रेखा की करीब करीब सही लम्बाई ज्ञात कर ली थी।
हिप्पार्कस( Hipparchus)- 190 B.C- 125 B.C
हिप्पार्कस एक खगोलशास्त्री तथा गणितज्ञ था , जिसने Equinox का पता लगाया तथा वर्ष की लम्बाई बतायीं। यह पहला विद्धवान था जिसने असीरियाई गणित के आधार पर वृत को 360 डीग्री में विभक्त किया।इसने विषुवत रेखा तथा 0 डिग्री देशांतरीये वृत्त को वृहत्त वृत्त (Great Circle) बताया।
इसीन्हो ने नक्षत्रो के अध्ययन के लिए एस्ट्रोलेब (Astrolabe ) नामक यंत्र का अविष्कार किया और इसकी सहायता से अक्षांस एवं देशांतर वृतो का भी निर्धारण किया। एस्ट्रोलेब नोमान की तुलना में सरलता से प्रयोग किया जा सकता था।
अक्षांस एवं देशांतर के आधार पर उसने विश्व को क्लाइमाटा (Climata ) यानि के अक्षांश पेटियों में विभाजित किया।
अक्षांस एवं देशांतर रेखा जाल की सहायता से इसने ज्ञात विश्व को 11 जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया।
हिप्पार्कस ही पहला व्यक्ति था जिसने तीन विमीय (Three Dimension) गोलाभ को दो विमीय (Two Dimension) तल में बदलने का तरीका खोज निकला, परिणामस्वरुप पृथ्वी के गोलीये भाग को समतल क्षेत्र में बनाना संभव हो पाया। इसने दो प्रक्षेप बनानेकी विधि बताएं - (1) समरूपीय प्रक्षेप (Stereographic Projection) और (2) लंबरेखीये प्रक्षेप (Orthographic Projection) .
इसने अक्षांश और देशांतर के महत्व पर बल दिया। इस प्रकार, उन्होंने वैज्ञानिक मानचित्र कला (Scientific Cartography) के क्षेत्र में सराहनीये कार्य किये।
पोसिडोनियस (Posidonius )-135B.C- 50 B.C
पोसिडोनियस ने The Ocean नामक पुस्तक लिखी थी। इसको सागरिये विज्ञान का विशेषज्ञ माना जाता है।
इसी ने बताया की पूर्णिमा (Full Moon) और अमावस्य (New Moon) के दिन सूर्य चन्द्रमा और पृथ्वी के एक सीध में होने के कारण समुंद्र में दीर्घ ज्वार (Spring Tide) आते है और कृष्ण पक्ष (Waning Moon) और शुक्ल पक्ष (Waxing Moon) को समकोण की स्थिती में होने के कारण लघु ज्वार (Neap Tide) आते हैं। महासागरों की गहराई ज्ञात करने वाला यह पहला इंसान था।
पोसिडोनियस ने भौतिक भूगोल को तर्कसंगत ढंग से विक्सित किया जिसके कारन इसे भौतिक भूगोल का पिता(Father of Physical Geography) भी कहा जाता है।
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